माता श्री बज्रेश्वरी देवी जी के मंदिर कांगड़ा में सजा घृत मंडल, पहले दिन आठ हजार श्रद्धालुओं ने किए महामाई के दर्शन
कांगड़ा : माता श्री बज्रेश्वरी देवी जी के मंदिर कांगड़ा में घृत मंडल सज गया है। मंगलवार रात को यह काम चलता रहा। लगभग पांच घंटे नें यह कार्य संपन्न हुआ। बुधवार को माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और लगभग आठ हजार ने महामाई के दरबार में हाजिरी लगाई। साथ में महामाई का जागरण भी हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने रात भर माता का गुणगान किया है। इस बार पहले की तरह कई दिन से घृत पर्व की तैयारी चल रही थी। लगभग 21 क्विंटल मक्खन माता रानी का शृंगार किया। घृत मंडल के आयोजन के संबंध में मान्यता है कि जब माता ने जालंधर दैत्य को मारा था तो महामाई के शरीर पर चोटें आ गई थीं। इन घावों को भरने के लिए देवताओं ने माता के शरीर पर घृत का लेप किया था। यह मक्खन देसी घी को 101 बार ठंडे पानी से धोकर तैयार किया जाता है। माता की पिंडी पर घृत सात दिन तक सजा रहेगा। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। बताते हैं कि इसे शरीर पर लाने से कई रोग दूरे होते हैं। शरीर में होने वाली दर्द से भी राहत मिलती है।
शिव मंदिर बैजनाथ में भी घृत मंडल बनाया
बैजनाथ : शिव मंदिर बैजनाथ में भी मकर संक्रांति पर घृत मंडल लगभग साढ़े चार फीट ऊंचा बनाया। इसमें लगभग दो क्विंटल मक्खन व सूखे मेवों से शिव का शृंगार किया है। बैजनाथ शिव मंदिर में मक्खन बनाने का कार्य 11 जनवरी से शुरू हुआ था। मंगलवार दोपहर आरती के बाद घृत मंडल चढ़ाने का कार्य शुरू हुआ। शिवलिंग का रूद्राभिषेक के बाद घृत सजाया। घृत मंडल श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सात दिन शिवलिंग पर रहेगा। 21 जनवरी को घृत मंडल शिवलिंग से हटा लिया जाएगा और प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाएगा। श्री महाकाल मंदिर व संसाल में मुकुटेश्वर नाथ मंदिर में भी घृत मंडल बनाया है।

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बहुत अच्चछी जानकारी