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सिर पर गिरे छिपकली तो जानिए क्या होता है

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नई दिल्लीः

छिपकली के शकुन-अपशकुन

प्राचीन काल से ही छिपकली को शुभ-अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता रहा है। भारतीय संस्कृति, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में इसका विशेष स्थान है। कहा जाता है कि छिपकली की गतिविधियाँ हमारे जीवन में आने वाली घटनाओं का संकेत देती हैं।

शकुन और शुभ संकेत

  1. छिपकली का दाएँ से बाएँ जाना – यदि छिपकली किसी व्यक्ति के दाएँ से बाएँ जाती है, तो इसे शुभ माना जाता है। यह संकेत देता है कि कार्यों में सफलता मिलेगी और जीवन में कोई शुभ समाचार आ सकता है।
  2. छिपकली का सिर या दाहिने कंधे पर गिरना – अगर छिपकली किसी के सिर या दाहिने कंधे पर गिरती है, तो यह उन्नति और सम्मान का संकेत मानी जाती है।
  3. छिपकली का दीवार पर चढ़ना – यदि छिपकली तेजी से दीवार पर चढ़ती है, तो इसे सकारात्मक संकेत माना जाता है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति की तरक्की होगी और कोई बड़ा अवसर मिलेगा।
  4. छिपकली का एक-दूसरे से लड़ना – अगर दो छिपकलियाँ आपस में लड़ती हुई दिखें, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि परिवार में किसी समस्या का समाधान निकट है।

अपशकुन और अशुभ संकेत

  1. छिपकली का बाएँ से दाएँ जाना – अगर छिपकली बाएँ से दाएँ जाती है, तो इसे अशुभ माना जाता है। यह किसी बाधा या परेशानी का संकेत दे सकता है।
  2. छिपकली का शरीर पर गिरना (विशेषकर बाएँ कंधे पर) – यदि छिपकली व्यक्ति के बाएँ कंधे, पीठ या पैर पर गिरती है, तो इसे अशुभ माना जाता है। यह आर्थिक हानि, विवाद या स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  3. छिपकली का मरा हुआ मिलना – यदि किसी स्थान पर मरी हुई छिपकली दिख जाए, तो इसे बुरा संकेत माना जाता है। यह किसी नकारात्मक घटना की पूर्वसूचना हो सकती है।
  4. छिपकली का भोजन में गिरना – अगर भोजन में छिपकली गिर जाती है, तो इसे बहुत अशुभ माना जाता है। यह स्वास्थ्य समस्याओं या जीवन में किसी कठिनाई का संकेत हो सकता है।

विज्ञान और तर्क की दृष्टि से

हालाँकि छिपकली के इन शकुन-अपशकुनों पर विश्वास करना पूरी तरह से व्यक्ति की आस्था पर निर्भर करता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो छिपकली पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। यह कीड़ों को खाती है और घर को हानिकारक कीटाणुओं से बचाती है। अतः इसे मात्र एक प्राकृतिक जीव के रूप में देखना भी तर्कसंगत हो सकता है।

निष्कर्ष

छिपकली के शकुन-अपशकुनों को कई लोग मानते हैं, तो कई लोग इन्हें अंधविश्वास समझते हैं। यह पूरी तरह से हमारी मानसिकता और विश्वास पर निर्भर करता है। यदि हम सकारात्मक सोच के साथ जीवन को देखें, तो शुभ-अशुभ के दायरे से बाहर निकलकर खुद के प्रयासों से अपना भविष्य संवार सकते हैं।

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Author: speedpostnews

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