Home » साहित्य जगत/ब्लाग » गोवा कभी अंग्रेजों का गुलाम नहीं रहा और आजाद भी 1961 में हुआ, जानिए गोवा का भारत में विलय कैसे हुआ

गोवा कभी अंग्रेजों का गुलाम नहीं रहा और आजाद भी 1961 में हुआ, जानिए गोवा का भारत में विलय कैसे हुआ

Facebook
Twitter
WhatsApp

भारत में विदेशी शासन का इतिहास लंबा रहा है। जहा देश के अधिकांश भागों पर अंग्रेजों का अधिकार था, वहीं गोवा एक ऐसा क्षेत्र था जो कभी अंग्रेजों का गुलाम नहीं रहा। गोवा पर लगभग 450 वर्ष तक पुर्तगालियों का शासन रहा।

गोवा पर पुर्तगाली शासन 1510 में शुरू हुआ
गोवा पर पुर्तगालियों का शासन 1510 में शुरू हुआ, जब प्रसिद्ध पुर्तगाली समुद्री अन्वेषक अफोंसो द अल्बुकर्क ने तत्कालीन बीजापुर के सुल्तान यूसुफ आदिल शाह को पराजित कर इसे अधिकार में ले लिया। इसके बाद गोवा पुर्तगाल का उपनिवेश बन गया और यूरोपीय व्यापार तथा ईसाई धर्म के प्रचार का केंद्र रहा। ब्रिटिश शासन के दौरान भी गोवा पर पुर्तगाल का कब्जा बना रहा और अंग्रेज इसे अपने नियंत्रण में नहीं ले पाए।

ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार और गोवा
17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के बड़े हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर लिया, तब भी गोवा पुर्तगाली शासन में ही रहा। अंग्रेजों और पुर्तगालियों के बीच कभी-कभी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा और संघर्ष जरूर हुए, लेकिन ब्रिटिशों ने कभी गोवा पर अधिकार नहीं जमाया। इसका एक प्रमुख कारण यह था कि पुर्तगाल और ब्रिटेन के बीच अच्छे कूटनीतिक संबंध थे।

इस तरह आजाद हुआ गोवा 
भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिलने के बावजूद गोवा अभी भी पुर्तगाल के अधीन था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसे भारत का अभिन्न अंग मानते हुए पुर्तगाली शासन को समाप्त करने का प्रयास किया। 1961 में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ नामक सैन्य अभियान चलाकर गोवा, दमन और दीव को पुर्तगालियों से मुक्त कराया और इसे भारत में शामिल कर लिया।

गोवा की विशिष्ट पहचान
चूंकि गोवा कभी भी ब्रिटिश शासन के अधीन नहीं रहा, इसलिए इसकी सांस्कृतिक और प्रशासनिक संरचना भारत के अन्य हिस्सों से भिन्न रही। पुर्तगाली शासन के कारण यहां की वास्तुकला, भोजन, भाषा और त्योहारों पर यूरोपीय प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

गोवा ने भारतीय राष्ट्रीयता को अपनाया
गोवा का इतिहास यह दर्शाता है कि भारत के विभिन्न हिस्सों ने अलग-अलग विदेशी शक्तियों का शासन सहा। देश का बड़ा भाग अंग्रेजों के अधीन था, गोवा ने पुर्तगाली औपनिवेशिक विरासत को संभाला। 1961 में भारत में विलय होने के बाद गोवा ने अपनी अनूठी संस्कृति को बरकरार रखते हुए भारतीय राष्ट्रीयता को अपनाया। इस प्रकार गोवा भारत का एकमात्र प्रमुख क्षेत्र रहा जो कभी भी ब्रिटिश शासन के अधीन नहीं रहा।

speedpostnews
Author: speedpostnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

ज़रूर पढ़ें