नई दिल्ली :
भारत में ₹20 के नोट पर एलीफेंटा गुफाओं (Elephanta Caves) का चित्र होता है, जो महाराष्ट्र के मुंबई के पास स्थित है। ये गुफाएँ एक प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) के रूप में भी सूचीबद्ध हैं।
एलीफेंटा गुफाएँ: इतिहास और महत्व
एलीफेंटा गुफाएँ 5वीं से 8वीं शताब्दी के बीच बनाई गई थीं। इन गुफाओं में मुख्य रूप से हिंदू और बौद्ध धर्म की मूर्तिकला देखने को मिलती है। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति त्रिमूर्ति शिव (Trimurti Shiva) की है, जिसमें भगवान शिव के तीन रूपों—सृजनकर्ता, पालक और संहारक—का सुंदर चित्रण किया गया है। यह मूर्ति भारतीय मूर्तिकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक मानी जाती है।
इन गुफाओं को प्राचीन समय में ‘घारापुरी’ कहा जाता था, लेकिन बाद में जब पुर्तगालियों ने यहाँ शासन किया, तो उन्होंने इस द्वीप को “एलीफेंटा” नाम दिया, क्योंकि यहाँ उन्हें एक विशाल हाथी की पत्थर की मूर्ति मिली थी।
बीस रुपये के नोट पर एलीफेंटा गुफाएँ क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2019 में नए डिज़ाइन वाला ₹20 का नोट जारी किया, जिसमें ग्रीनिश-येलो (हरित-पीले) रंग की थीम है। इस नोट के पीछे एलीफेंटा गुफाओं की तस्वीर छपी होती है, जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाती है। नोट पर किसी भी स्मारक को शामिल करने के पीछे सरकार और रिज़र्व बैंक का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना होता है।
एलीफेंटा गुफाएँ कहाँ स्थित हैं?
एलीफेंटा गुफाएँ महाराष्ट्र के मुंबई से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित एलीफेंटा द्वीप (Elephanta Island) पर हैं। यहाँ पहुँचने के लिए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) से नाव (फेरी) लेनी पड़ती है। यह यात्रा लगभग एक घंटे की होती है और रास्ते में समुद्र का शानदार नज़ारा देखने को मिलता है।
एलीफेंटा गुफाओं की विशेषताएँ
- मुख्य गुफा (गुफा नंबर 1) – यह सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण गुफा है, जहाँ भगवान शिव की कई विशाल मूर्तियाँ हैं।
- त्रिमूर्ति शिव – 6.1 मीटर ऊँची यह मूर्ति गुफा के सबसे गहरे हिस्से में स्थित है और इसकी भव्यता अद्भुत है।
- नटराज शिव – इस मूर्ति में भगवान शिव को तांडव नृत्य करते हुए दर्शाया गया है।
- अर्धनारीश्वर – इसमें शिव और पार्वती का संयुक्त रूप दिखाया गया है।
- योग मुद्रा में बुद्ध – कुछ गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित चित्र और मूर्तियाँ भी हैं, जो यह दर्शाती हैं कि यह स्थान हिंदू और बौद्ध दोनों संस्कृतियों के प्रभाव में रहा है।
एलीफेंटा गुफाओं का संरक्षण
यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के बाद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) ने इसके संरक्षण का कार्यभार संभाला है। हालांकि, समुद्र के नज़दीक होने के कारण यहाँ की मूर्तियाँ समय के साथ क्षतिग्रस्त हो रही हैं, लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार इसके संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष
₹20 के नोट पर बनी एलीफेंटा गुफाएँ भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। यह स्थान हिंदू और बौद्ध धार्मिक परंपराओं की मिश्रित झलक प्रदान करता है और भारतीय कला एवं शिल्प की उत्कृष्टता को दर्शाता है। यदि आप मुंबई जाएँ, तो एलीफेंटा गुफाओं की यात्रा अवश्य करें और भारत की प्राचीन मूर्तिकला का अनुभव लें।
