भोपाल : संपत्ति विवाद में भाइयों और चाचा-तायों को तो लड़ते कई बार देखा व सुना होगा। बात संपत्ति के बंटवारे पर जाकर समाप्त होती है। लेकिन यह क्या, यहां तो दो भाइयों के विवाद में पिता के शव के बंटवारे की ही नौबत आ गई। कभी बुजुर्गों से सुनते थे कि घोर कलियुग आएगा, जिसमें ऐसी-ऐसी बातें देखने व सुनने को मिलेंगी, जिनकी कल्पना भी नहीं की होगी। खैर मामले पर आते हैं।
यह मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ का है। गांव ताल लिधौरा में 85 वर्षीय पिता की मौत के बाद संस्कार के लिए दो पुत्रों में विवाद हो गया।बुजुर्ग के निधन के बाद उसका छोटा बेटा संस्कार की तैयारियां करने लगा। संस्कार की तैयारी चल रही थी। तभी बुजुर्ग का बड़ा बेटा भी पहुंच गया और संस्कार करने की जिद करने लगा। शव को दो हिस्सों में बांटकर संस्कार की जिद होने लगी। गांव के लोगों और रिश्तेदारों के समझाने पर भी बात नहीं बनी तो विवाद पुलिस तक पहुंचा।
छोटे भाई का कहना था कि उसने पिता की सेवा की है और वही संस्कार करेगा। बड़े बेटे ने जीते जी पिता की सुध नहीं ली। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद बढ़ा। शव घर के बाहर रखा था। शव पांच घंटे पड़ा रहा। दोनों भाई मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस पहुंची और सख्ती के बाद मामला शांत हुआ। छोटे बेटे ने अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं। बड़े बेटे से कहा गया है कि वह भी आगे होने वाले क्रिया-कर्म में सहयोग करता रहे।
