- शम्मी कपूर भारतीय सिनेमा के उन अद्भुत सितारों में से एक थे, जिन्होंने 1950 और 60 के दशक में हिंदी फिल्मों को नई ऊर्जा और आधुनिकता दी। उनका असली नाम शमशेर राज कपूर था, और वे 21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में जन्मे थे। शम्मी कपूर भारतीय फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध कपूर परिवार से ताल्लुक रखते थे। वे पृथ्वीराज कपूर के दूसरे बेटे और राज कपूर व शशि कपूर के भाई थे।
करियर की शुरुआत और संघर्ष
शम्मी कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1953 में फिल्म “जीवन ज्योति” से की। शुरुआती दौर में वे गंभीर भूमिकाएं निभाते थे, लेकिन यह शैली उनके व्यक्तित्व के अनुकूल नहीं थी। उनकी कई शुरुआती फिल्में असफल रहीं। यह उनके लिए चुनौतीपूर्ण समय था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से हार नहीं मानी।
शम्मी कपूर का अनोखा अंदाज
1957 में आई फिल्म “तुमसा नहीं देखा” ने उनके करियर को नया मोड़ दिया। इस फिल्म में शम्मी कपूर ने अपने स्टाइलिश और रोमांटिक हीरो की छवि को प्रस्तुत किया। इसके बाद 1959 में आई “दिल देके देखो” ने उनकी इस छवि को और पुख्ता कर दिया। शम्मी कपूर का नृत्य, उनकी मस्तीभरी अदाएं, और आधुनिक फैशन सेंस उस दौर में युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए।
खासियत
शम्मी कपूर की सबसे बड़ी खासियत उनका अभिनय और नृत्य था। वे अपने समय के पहले ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने पश्चिमी शैली को हिंदी फिल्मों में अपनाया। उनकी ऊर्जा और स्टाइलिश व्यक्तित्व ने उन्हें “एल्विस प्रेस्ली ऑफ इंडिया” का खिताब दिलाया। उनके गीत और डांस आज भी दर्शकों के दिलों में गूंजते हैं।
- उनका अंदाज हमेशा मस्तीभरा और चुलबुला होता था।
- उन्होंने रोमांस को एक नया आयाम दिया।
- शम्मी कपूर अपने गानों में पूरी तरह डूब जाते थे। उनके सुपरहिट गाने जैसे “बार बार देखो”, “आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा”, और “याहू! चाहे कोई मुझे जंगली कहे” आज भी बेहद लोकप्रिय हैं।
सुपरहिट फिल्में
शम्मी कपूर ने कई हिट फिल्में दीं। इनमें प्रमुख हैं:
- जंगली (1961): इस फिल्म ने उन्हें “याहू स्टार” बना दिया।
- कश्मीर की कली (1964): इस फिल्म में उनकी और शर्मिला टैगोर की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
- तीसरी मंजिल (1966): इस म्यूजिकल थ्रिलर ने उन्हें नई ऊंचाई दी।
- ब्लफ मास्टर (1963) और एन इवनिंग इन पेरिस (1967) भी बेहद हिट रहीं।
व्यक्तिगत जीवन
शम्मी कपूर का व्यक्तिगत जीवन भी उनके फिल्मी जीवन की तरह रंगीन रहा। उनकी पहली पत्नी गीता बाली थीं, जो खुद एक मशहूर अभिनेत्री थीं। गीता बाली की 1965 में मौत के बाद शम्मी कपूर ने 1969 में नीला देवी से शादी की। उनका जीवन भरपूर उतार-चढ़ावों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने हर मुश्किल को अपनी सकारात्मकता से पार किया।
बाद के जीवन और योगदान
शम्मी कपूर ने अपने फिल्मी करियर के बाद भारतीय फिल्म उद्योग में कई योगदान दिए। वे इंटरनेट के शुरुआती उपयोगकर्ताओं में से एक थे और भारत में तकनीकी जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय रहे।
1995 के बाद उन्होंने चरित्र भूमिकाएं निभानी शुरू कीं। उनकी प्रमुख बाद की फिल्में थीं “प्रेमग्रंथ”, “रॉकस्टार”, और “चमत्कार”।
निधन
शम्मी कपूर का निधन 14 अगस्त 2011 को हुआ। उनका निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति थी।
विरासत
शम्मी कपूर की शैली, जोश और उनके गाने आज भी अमर हैं। वे न केवल एक महान अभिनेता थे, बल्कि अपने व्यक्तित्व और
