हिमाचल के मंदिर को छूकर निकल जाता है बाढ़ का पानी; नाले में स्थित मंदिर को नहीं करता नुकसान, लोग मानते हैं जल देवता का चमत्कार
: बरसात में नदियों, खड्डों और नालों के किनारे कई भवन बहते दिखते हैं। वाहन किश्तियां बन जाते हैं। हिमाचल के सिरमौर जिला में एक ऐसा भी मंदिर है जो कई दशक से बहते पानी के बीचों-बीच स्थित है। पानी ने आज तक इस मंदिर को नुकसान नहीं किया। यह मंदिर है बाबा बड़ोलिया जी का। नाहन-श्री रेणुका जी मार्ग पर बाबा बड़ोलिया का मंदिर स्थित है। मंदिर के ठीक पीछे लगभग 250 फीट की ऊंचाई से झरना गिरता है। तेज बहाव का पानी मंदिर को छूते हुए जलाल नदी में पहुंच जाता है। बाबा बड़ोलिया को जल देवता के रूप में पूजते हैं। मंदिर के ऊपर झरना मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाता है।
मंदिर के आसपास पानी तेज बहाव से निकल जाता है। बाढ़ का पानी मंदिर को छूकर निकल जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा बड़ोलिया उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से बचाते हैं। लगभग सात दशक पहले एक संत ने मंदिर का विस्तार किया था। बाबा बड़ोलिया का असल मंदिर पहाड़ी के ठीक ऊपर उस जगह है, जहां से झरना गिरता है। मान्यता है कि पहाड़ी पर बाबा का शीश है और नाले में जहां मंदिर बना है, वहां बाबा के चरण हैं।
बाबा बड़ोलिया मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से भक्तों के बीच अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक महता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप बाबा बड़ोलिया को समर्पित है, जिन्हें श्रद्धालु उनकी कृपा, आशीर्वाद और संरक्षण के लिए पूजा करते हैं।
मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। माना जाता है कि बाबा बड़ोलिया ने इस स्थान पर तपस्या की थी और उनके तप और समर्पण के कारण यहां भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि बाबा बड़ोलिया उनकी ट मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और जीवन में सुख-शांति प्रदान करते हैं।
मंदिर की स्थापत्य कला भी आकर्षक है। यह मंदिर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, जिससे यहां का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत सुंदर और शांति से भरपूर है। मंदिर के चारों ओर हरियाली, पहाड़ों का दृश्य पर्यटकों और श्रद्धालुओं को शांति का अनुभव कराता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लंबी चढ़ाई करनी पड़ती है, जो यात्रा को और भी रोमांचक बनाती है।
बाबा बड़ोलिया मंदिर में विशेष रूप से महाशिवरात्रि, नवरात्रि और अन्य प्रमुख हिंदू पर्वों के दौरान भारी भीड़ होती है। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें भक्त अपनी श्रद्धा से बाबा बड़ोलिया की पूजा करते हैं। इसके अलावा, यहां हर साल मेले का आयोजन भी किया जाता है, जो आसपास के क्षेत्रों से लोगों को आकर्षित करता है।
यह मंदिर केवल धार्मिक महत्व का केंद्र नहीं है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है। यहां आने से न केवल भक्तों की आस्था बढ़ती है, बल्कि यह स्थान मानसिक शांति और आराम प्रदान करता है।
सिरमौर जिले में स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां आने वाले लोग केवल धार्मिक पूजा ही नहीं, बल्कि यहां की नजदीकी पहाड़ियों, घने जंगलों और ताजगी से भरपूर हवा का आनंद भी लेते हैं। बाबा बड़ोलिया के इस मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास बहुत मजबूत है, और यहां की यात्रा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस मंदिर का धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व इसे सिरमौर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाता है, और यहां आने वाले भक्तों को यह स्थल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
