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सुसाइड का ख्याल आए तो यह मेंटल डिसआर्डर है, तुरंत इलाज करवाएं

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नई दिल्लीःमें टल डिसऑर्डर (मानसिक विकार) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता प्रभावित होती है। यह मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का एक व्यापक समूह है, जिसमें डिप्रेशन, एंग्जायटी, सिज़ोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) जैसी कई बीमारियां शामिल हैं। मानसिक विकार न केवल व्यक्ति के जीवन पर बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

मेंटल डिसऑर्डर क्यों होता है?

मानसिक विकारों के कई कारण हो सकते हैं, जो जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से प्रभावित होते हैं:

1. बायलाजिकल इफेक्ट

जेनेटिक्स: यदि परिवार में किसी को मानसिक रोग रहा हो, तो अगली पीढ़ी में भी इसकी संभावना बढ़ जाती है।

न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन: मस्तिष्क में कुछ रसायन, जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरएपिनेफ्रिन, भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। इनका असंतुलन मानसिक विकारों को जन्म दे सकता है।

हार्मोनल परिवर्तन: कुछ मानसिक रोग हार्मोनल असंतुलन के कारण भी हो सकते हैं, जैसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन।

2. साइक्लोलाजिकल इफेक्ट

इमोशनल स्ट्रोक: बचपन में हुए दुर्व्यवहार, किसी प्रियजन की मृत्यु, या अन्य भावनात्मक सदमे मानसिक विकार को जन्म दे सकते हैं।
नेगेटिव थींकिंग और स्ट्रेस: अत्यधिक तनाव और नकारात्मक सोच से डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ सकती है।

3. सामाजिक कारण

असामाजिक माहौल: अगर व्यक्ति का पारिवारिक या सामाजिक वातावरण सहयोगी नहीं है, तो मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

आर्थिक समस्याएँ: बेरोजगारी, गरीबी, या वित्तीय समस्याएँ मानसिक तनाव को बढ़ा सकती हैं।

नशे की लत: शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थ मानसिक विकारों को जन्म दे सकते हैं।

 

किन लोगों को मानसिक विकार होने की संभावना अधिक होती है?

1. वे लोग जिनके परिवार में मानसिक बीमारी का इतिहास रहा हो।

2. जिन्होंने अपने जीवन में किसी बड़े आघात या तनावपूर्ण घटना का सामना किया हो।

3. जो अत्यधिक अकेलापन महसूस करते हैं या सामाजिक संपर्क से दूर रहते हैं।

4. जो नियमित रूप से नशे का सेवन करते हैं।

5. जिन्हें किसी गंभीर शारीरिक बीमारी का सामना करना पड़ा हो।

 

मेंटल डिसऑर्डर के लक्षण

लगातार उदासी या चिंता रहना

आत्महत्या के विचार आना

अत्यधिक गुस्सा या चिड़चिड़ापन

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

अत्यधिक डर या भय

वास्तविकता से अलग महसूस करना (मतिभ्रम)

नशे की लत में बढ़ोतरी

सामाजिक जीवन से कटाव

 

मेंटल डिसऑर्डर का इलाज

मानसिक विकारों का इलाज संभव है। उचित देखभाल और सही उपचार से व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है।

1. साइकोथेरेपी (मनोचिकित्सा)
2. साइक्लोजिस्ट से बात करना मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का एक प्रभावी तरीका है। इसमें व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और व्यवहार को समझकर समस्या का समाधान निकाला जाता है।

2. दवा उपचार

एंटीडिप्रेसेंट्स (डिप्रेशन कम करने के लिए)

एंटीसाइकोटिक ड्रग्स (सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर के लिए)

एंटी-एंग्जायटी मेडिसिन (घबराहट और तनाव को कम करने के लिए)

3. लाइफस्टाइल में बदलाव

नियमित व्यायाम करें

संतुलित आहार लें

योग और ध्यान करें

पर्याप्त नींद लें

सामाजिक रूप से सक्रिय रहें

4. सपोर्ट ग्रुप और काउंसलिंग

कई बार मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति को एक ऐसे समूह की जरूरत होती है, जो उसकी स्थिति को समझे और समर्थन दे।

मेंटल डिसऑर्डर के नुकसान

1. सेल्फ कान्फिडेंस कम होना: व्यक्ति का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास कम हो जाता है।

2. फैमिली प्राब्लम: परिवार के सदस्यों के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है।

3. आर्थिक समस्याएं: काम करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है।

4. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर: मानसिक विकार कई बार हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और अन्य बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।

5.सुसाइड का खतरा: गंभीर मानसिक विकार आत्महत्या की टेंडेंसी को बढ़ा सकते हैं।

 

निष्कर्ष

मानसिक विकार किसी को भी हो सकता है, लेकिन सही समय पर इलाज करवाने से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य को। अगर आपको या आपके किसी करीबी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो रही है, तो बिना झिझक विशेषज्ञ की सहायता लें। याद रखें, मानसिक स्वास्थ्य का सही ध्यान रखा जाए, तो व्यक्ति एक खुशहाल और संतुलित जीवन जी सकता है।

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Author: speedpostnews

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