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भाई लक्ष्मण वन से लाते फल, माता सीता और प्रभु राम बड़े चाव से खाते

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  1. राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास के दौरान वे मुख्य

    वन में खाए जाने वाले फल एवं आहार

    1. कंद-मूल: जंगलों में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की जड़ें और कंद जैसे कि शकरकंद, अरबी आदि।
    2. फल: बेर, आम्र (आम), जामुन, कटहल, केले, आंवला, इमली, ताड़ के फल, और कदली फल (केला) प्रमुख थे।
    3. मधु (शहद): कई जगहों पर मधुमक्खियों के छत्तों से शहद भी प्राप्त किया जाता था।
    4. वनस्पति एवं अन्य वन आहार: कई प्रकार की पत्तियाँ और प्राकृतिक रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थ।

    लक्ष्मण की सेवा एवं समर्पण

    1. रक्षा: लक्ष्मण ने हमेशा राम और सीता की सुरक्षा का ध्यान रखा। वे रातभर जागकर पहरा देते थे ताकि कोई बाधा न आए।
    2. आवास निर्माण: उन्होंने कुटिया का निर्माण किया, जिससे राम और सीता को विश्राम में कोई कठिनाई न हो।
    3. आहार एवं जल व्यवस्था: लक्ष्मण जंगल से फल, कंद-मूल, और जल लाकर राम-सीता को अर्पित करते थे।
    4. संघर्ष एवं युद्ध: जब भी किसी प्रकार का संकट आया, लक्ष्मण ने वीरता से मुकाबला किया।
    5. अटूट सेवा भाव: वे स्वयं कठोर जीवन जीते थे, न तो सुख-सुविधाओं की चाह रखते थे और न ही आराम करते थे।

    लक्ष्मण का त्याग और सेवा भावना रामायण में भक्ति, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता का अनुपम उदाहरण मानी जाती है।

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Author: speedpostnews

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