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काला पीलिया हो जाए तो क्या रखें सावधानी

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काला पीलिया (हेपेटाइटिस बी और सी) – कारण, लक्षण, उपचार और परहेज

काला पीलिया एक गंभीर लिवर संक्रमण है, जिसे आमतौर पर हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) कहा जाता है। यह बीमारी लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो लिवर फेलियर या कैंसर जैसी घातक स्थिति पैदा हो सकती है।


1. काला पीलिया क्या है?

साधारण पीलिया (Jaundice) में त्वचा और आंखों में पीलापन आ जाता है, जो अधिकतर लिवर में बिलीरुबिन (Bilirubin) बढ़ने के कारण होता है। लेकिन काला पीलिया अधिक खतरनाक होता है क्योंकि यह वायरल संक्रमण या विषैले पदार्थों के कारण लिवर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। मुख्य रूप से हेपेटाइटिस बी और सी वायरस इसकी वजह होते हैं।


2. काला पीलिया कैसे होता है?

काला पीलिया कई कारणों से हो सकता है, जिनमें मुख्य हैं:

(i) वायरल संक्रमण

  • हेपेटाइटिस बी और सी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद लिवर की कोशिकाओं पर हमला करते हैं और उन्हें कमजोर कर देते हैं।
  • ये वायरस रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलते हैं।

(ii) संक्रमित रक्त या सुइयों से संपर्क

  • यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति का रक्त चढ़वाता है या संक्रमित सुई का उपयोग करता है, तो उसे काला पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • ड्रग्स इंजेक्शन, टैटू बनवाने या एक ही रेजर का इस्तेमाल करने से भी संक्रमण फैल सकता है।

(iii) असुरक्षित यौन संबंध

  • संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर हेपेटाइटिस बी और सी का खतरा बढ़ जाता है।

(iv) माँ से बच्चे को संक्रमण

  • अगर कोई गर्भवती महिला काला पीलिया से संक्रमित है, तो वह अपने बच्चे को भी जन्म के समय यह संक्रमण दे सकती है

(v) शराब और जहरीले पदार्थों का सेवन

  • अत्यधिक शराब पीने से भी लिवर खराब हो सकता है, जिससे काला पीलिया हो सकता है।
  • कुछ जहरीली दवाएं और केमिकल्स भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

3. काला पीलिया के लक्षण

शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य पीलिया जैसे लग सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह गंभीर रूप ले लेता है। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • त्वचा और आंखों का गहरा पीला या हल्का भूरा रंग
  • अत्यधिक थकान और कमजोरी
  • भूख न लगना और वजन कम होना
  • मितली और उल्टी आना
  • गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मल
  • पेट में दर्द और सूजन (Ascites)
  • शरीर में खुजली और लाल चकत्ते
  • बार-बार बुखार आना
  • गंभीर मामलों में, लिवर फेलियर और बेहोशी तक की नौबत आ सकती है।

4. काला पीलिया का इलाज

इसका इलाज बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। मुख्य रूप से इसमें वायरल संक्रमण को रोकने और लिवर को सुरक्षित रखने पर जोर दिया जाता है

(i) दवाइयां और इंजेक्शन

  • हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, जो इसे रोकने में मदद करती है।
  • हेपेटाइटिस बी और सी के लिए एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं, जो वायरस की संख्या को कम करने में मदद करती हैं।
  • गंभीर मामलों में, लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) की जरूरत पड़ सकती है।

(ii) खान-पान और जीवनशैली में बदलाव

  • शरीर में पानी की कमी न होने दें, इसलिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
  • हल्का और पौष्टिक भोजन खाएं, जैसे दलिए, हरी सब्जियां, फलों का रस, और छाछ
  • शराब और तले-भुने खाने से पूरी तरह परहेज करें।
  • धूम्रपान और नशीले पदार्थों से दूर रहें।

5. किन चीजों से परहेज करना चाहिए?

अगर किसी को काला पीलिया हो गया है, तो निम्नलिखित चीजों से बचना चाहिए:

(i) खाने में परहेज

  • चिकना और तला-भुना खाना
  • फास्ट फूड और पैकेट वाले खाद्य पदार्थ
  • बहुत अधिक मसालेदार खाना
  • अत्यधिक मीठा या ज्यादा नमक वाला भोजन

(ii) अन्य परहेज

  • संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों, ब्लेड, टूथब्रश, और सुई का इस्तेमाल न करें।
  • बिना जांच के रक्तदान या रक्त लेने से बचें।
  • संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।

6. क्या काला पीलिया संक्रामक है?

हाँ, काला पीलिया (हेपेटाइटिस बी और सी) संक्रामक बीमारी है, लेकिन यह केवल रक्त, शरीर के तरल पदार्थों और असुरक्षित संपर्क के जरिए फैलती है।

यह हवा, पानी, खाना, हाथ मिलाने या साथ बैठने से नहीं फैलती। इसलिए संक्रमित व्यक्ति को सामाजिक रूप से अलग करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है।


7. क्या बच्चों को भी काला पीलिया हो सकता है?

हाँ, यह बच्चों को भी हो सकता है, खासकर जब:

  • गर्भवती माँ संक्रमित होती है और जन्म के समय बच्चे को वायरस मिल जाता है।
  • बच्चे को संक्रमित रक्त या सुइयों के संपर्क में आने का खतरा होता है।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।

बचाव के लिए क्या करें?

  • जन्म के समय ही हेपेटाइटिस बी का टीका (Vaccine) लगवाएं।
  • बच्चों को हमेशा साफ-सुथरा और सुरक्षित भोजन दें।
  • बच्चों के कटने या चोट लगने पर तुरंत घाव को साफ करें।

निष्कर्ष

काला पीलिया एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसे सही समय पर पहचाना और इलाज किया जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हेपेटाइटिस बी का टीका इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा, साफ-सफाई, सुरक्षित रक्त संक्रमण, संतुलित आहार और जीवनशैली में सुधार करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।

 

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Author: speedpostnews

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