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आर्थिक सर्वेक्षण : हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 22,430 बढ़ी, बेरोजगार भी कम हुए

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शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा से बाहर थे। इसलिए उनकी अनुपस्थिति में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,32,185 करोड़ रह सकता है जोकि वित्त वर्ष 2023-24 में 2,10,662 करोड़ था। इममें 10.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2023-24 में 2,34,782 की तुलना में 2,57,212 अनुमानित है। 9.6 प्रतिशत वृद्धि के साथ प्रति व्यक्ति आय 22,430 रुपये बढ़ी है।

कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 2020-21 में 20,838 करोड़ से 53 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 31,879 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 की मुद्रास्फीति 5.0 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024-25 में 4.2 प्रतिशत रही। सकल राज्य घरेलू उत्पाद में पर्यटन का योगदान 7.78 प्रतिशत है। वर्ष 2023 में प्रदेश में 160.05 लाख पर्यटक आए थे, 2024 में यह संख्या बढ़कर 181.24 लाख हो गई है।

कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख, 2022 में 150.99 लाख और 2023 में 160.05 लाख से बढ़कर 2024 में पूर्ण रूप से 181.24 हो गया है। लोगों को राज्य के भीतर और बाहर यात्री परिवहन सेवाएं हिमाचल पथ परिवहन निगम  की ओर से 3,079 बसों, 110 इलेक्ट्रिक, 38 टैक्सियों, 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियों और 12 टेंपो ट्रैवलर के बेड़े के साथ प्रदान की जा रही हैं।

अवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार समस्त आयु का एलएफपीआर हिमाचल प्रदेश (60.5) के लिए, उत्तराखंड (46.2), पंजाब (43.7), हरियाणा (37.4) और समस्त भारत (45.1) से अधिक है। श्रमिक जनसंख्या अनुपात( डब्ल्यूपीआर) को नियोजित/रोजगार के लिए इच्छुक व्यक्तियों का कुल जनसंख्या में प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। सभी आयु वर्ग में 2023-24 में हिमाचल प्रदेश का डब्ल्यूपीआर (57.2), उत्तराखंड (44.2), पंजाब (41.3), हरियाणा (36.1) और पूरे भारत (43.7) से अच्छा है। पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगभग आठ लाख से कम होकर छह लाख रह गई है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुसार द्वितीयक क्षेत्र का जीएसबीए स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आरएस 60,238 करोड़ के मुकाबले 65,134 करोड़ अनुमानित है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज होने की आशा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुसार सेवा क्षेत्र का जीएसवीए स्थिर (2011-12) भावों पर 56,654 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24  में यह 53.481 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

औद्योगिक क्षेत्र का कुल जीवीए (प्रचलित भावों में) 86,695 करोड़ अनुमानित है। खनन और उत्खनन सहित का योगदान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 40 प्रतिशत है, जिसमें 26.19 प्रतिशत विनिर्माण से 7.68 प्रतिशत निर्माण तथा 5.66 प्रतिशत बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं से आता है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक क्षेत्र का जीएसवीए 8.1 प्रतिशत बढ़ने की आशा है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर भावों पर 6.5 प्रतिशत बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है जो उद्योग क्षेत्र में तीसरी सबसे ऊंची वृद्धि दर है।

विभाग ने 115 सिविल अस्पतालों, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 585 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 24 ईएसआई सिविल डिस्पेंसरियों और 2.114 स्वास्थ्य उप केंद्रों में उपचारात्मक, निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है। पांच बारहमासी नदी घाटियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से 24,000 मेगावाट जलविद्युत पैदा की जा सकती है जोकि राष्ट्रीय क्षमता का लगभग 25 प्रतिशत है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 11.290 मेगावाट का दोहन किया जाता है।

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Author: speedpostnews

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