शिमला : अनुबंध सेवा वाले कर्मचारियों को अदालत से फिर राहत मिली है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अनुबंध सेवाकाल को गिनने के बाद हुई वेतनवृद्धि को कम करने के आदेशों पर रोक लगा दी है। याचिका दाखिल करने वाले कर्मचारियों को दिए वित्तीय लाभ की वसूली पर रोक लगा दी है। हिमाचल सरकार ने कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें अधिनियम 2024 के तहत प्रार्थी कर्मियों के वेतन में कमी कर उनसे वित्तीय लाभ रिकवर करने के आदेश दिए थे। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कालेजों में सेवाएं दे रहे सहायक प्रवक्ताओं की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सरकार की अधिसूचना पर अमल करने पर रोक लगा दी है। प्रार्थियों ने 20 फरवरी, 2025 से लागू हुए सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें अधिनियम 2024 को भी कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
कई विभागों में कर्मचारियों को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता में जोड़ते हुए इससे उपजे वित्तीय लाभ दिए गए हैं। अनेकों कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आने के बाद उन्हें यह लाभ दिए जाने थे, लेकिन सरकार ने वित्तीय बोझ को देखते हुए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को शून्य करने के लिए सेवा शर्तों को लेकर एक अधिनियम लाया। अब कर्मचारियों ने इस अधिनियम और इस अधिनियम के तहत जारी अधिसूचनाओं को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई एक अप्रैल को होगी।
